सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:देव और बिहारी.djvu/६८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

देव-विहारी श्रीव्रजराज- नेह निबाहैं धनि रसराज ! कृष्णविहारी युग कर जोर, वंदत संतत युगलकिशोर। कृष्णविहारी मिश्र