पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२८०

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२७२ गिनती बरस का एक निर्देष मेम्ना होम की भेंट के लिये और पाप को भेंट के लिये पहिले बरस की एक भेड़ी और कुशल की भेंट के लिये एक निर्दोष मेढ़ा।। १५ । और एक टोकरी अखमीरी रोटियां और चाखे पिमान को पूरी और अखमीरी लिट्टी तेल में चुपड़ी हुई उन के खाने को और उन के पौने को भेंट। १६। और याजक उन्हें परमेश्वर के आगे लाके उन के पाप की भेंट को और उम के होम की भेंट को चढ़ाचे ॥ १७॥ और परमेश्वर के कारण एक टोकरा असमीरी रोटी के माथ उस मेढ़े को चढ़ावे और याजक उस के खाने की और पीने की भेंट भी चढ़ावे ॥ २८। फिर वह नसरानी मंडली के तंबू के द्वार पर अपने अलग होने के लिये सिर मड़ावे और उस के अलग होने के सिर के बालों को लेवे और उम् आग में जो कुशल की भेंट के बलिदान के तले है डाल देवे ॥ १६॥ जब अलग होने के लिये मनाया जाये तब याजक उस मेंढ़ का सिझाया जा कांधा और टोकरी में से एक अखमीरी फुलका और एक अखमीरी लिट्टी लेके उस नसरानी के हाथों पर रकवे ॥ २० । फिर याजक उन्हें हिलाने की भेंट के लिये परमेश्वर के आगे हिलावे यह हिलाने की छाती और उठाने का कांधा याजक के लिये पवित्र है उस के पीछे नसरानी द्राक्षारस पी सके। २१ । नसरानी को मनाती की व्यवस्था परमेश्वर के लिये उम के अलग होने की भेट जो उम के हाथ पहुंचने से अधिक उस को मनाती के समान अपने अलग होने की व्यवस्था के पीछे अवश्य या करे। २२। फिर परमेश्वर मूमा से कहके बोला॥ २३॥ कि हारून को और उस के नेटो को कह कि इमराएल के संतानों को या आशीष देके उन्हें कहियो। २४। कि परमेश्वर तुझे नाशीष देवे और तेरी रक्षा करे॥ २५ । परमेश्वर अपना रूप तुझ पर प्रकाश करे और तुम पर अनुग्रह करे॥ २६ । परमेश्वर अपना रूप नुझ पर प्रकाश करे और तुझी कुशल देवे ॥ २७ । और वे मेरा नाम इमराएल के संतानों पर रक्खें और मैं उन्हें आशीष देऊंगा।