पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४२६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

[३४ पर्थ विवाद वह लोगों के प्रधानों के साथ आया वुह परमेश्वर के न्याय को और उस के विचार को दूसराएल से वजा लाया। २२। और दान के विषय में कहा कि दान एक सिंह का बच्चा है जो वसन से उक्कुलेगा॥ २३॥ और उस ने नफनाली के विषय में कहा कि हे नफनालौ तू अनुग्रह से टप्स और परमेश्वर की प्राशीष से पूर्ण त पश्चिम और दक्षिण का अधिकारी हो। २४। और उस ने यशर के विषय में कहा कि यशर बालकों की प्राशीष पावे और अपने भाइयों का ग्राछु होवे और अपना पाव तेल में डुबोवे ॥ २५ । तेरे जने के तले लोहा और पौनल होगा और तेरे समय के समान तेरा बल होगा ॥ २६ । यशूरून के ईश्वर के समान कोई नहीं जो खर्ग पर तेरी सहाय के लिये चढ़ना है और उस की प्रतिष्टा में आकाश पर ॥ २७॥ सनातन का ईश्वर तेरा शरण है और नीचे सनातन की भुजा और बैरियों को तेरे आगे से वह हांकेगा और कहेगा कि उन्हें नाश कर॥ २८। तब इसराएल अकेला चैन से रहेगा यअक्रूव का सोता अन्न और मदिरा की भूमि पर होगा उस के श्राकाश से ओस पड़ेगी॥ २६॥ हे इसराएल तु धन्य है लोग तमासा कौन है कि परमेश्वर ने तुझे बचाया है वुह तेरी सहाय के लिये ढाल और तेरी बड़ाई की तलवार है तेरे शत्रु तेरे वश में होंगे और के ऊंचे स्थानों को लताड़ेगा। ३४ चौतीसवां पळ ॥ Tर मूसा माअव के चौगानों से नबू के पहाड़ पर पिसगः कौ चोटी पर जो यरीहा के सामने है चढ़ गया और परमेश्वर ने दिखाया जिलिद के समस्त देश दान ले ॥ २। और समस्त नफनाली और इफ़रायम और मुनस्सो के देश और यहदाह के समस्त देश अत्यंत समुद्र लो। ३। और दक्षिण और यरीहो के चौगान की नीचाई जो खजूर के पेड़ का नगर है सुन ले उस को दिखाया ॥ ४ । और परमेश्वर ने उसे कहा कि यह युह देश है जिस की मैं ने अबिरहाम और इज़हाक और यअकब से किरिया खाके कहा कि मैं उसे तेरे बंश को दूंगा मैं ने तुझे अांखों से दिखा दिया परंतु तू उधर पार न जायगा ॥ ५। से तू उन अ