पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७३८

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राजावली भूमि फल होम है॥ २० । तब उस ने कहा कि नया पात्र लाओ और उस में नोन डालो और वे उस पास लाये। २१। तब बुह पानियों के सोतों पर गया और नान वहां डाल के बोला कि परमेश्वर यां कहता है कि मैं में इन पानियों को अच्छा किया है फिर यहां से मृत्यु अथवा ऊसर न होगा। २२। और इलोमा के कहे हुए वचन के समान आज लो जन अच्छे हुए॥ २३ । फिर बुह वहां से पैतएल को चढ़ा और ज्यों मार्ग में ऊपर जाता था न्यो देखा कि नगर के लड़के निकले और उसे चिढ़ा चिढ़ा कहने लगे कि चढ़ जा सिर मुंडे चढ़ जा सिर मुंडे ॥ २४ । तब उस ने पीछे फिर के उन्हें देखा और परमेश्वर का नाम लेके उन्हें साप दिया यहीं बन में से दो भालु निकले और उन में से बयालीस लड़को को मार डाला ॥ २५ । फिर वुह वहां से करमिल पहाड़ को गया और यहां से समरून को फिर आया। ३ तीसरा पर्छ। ब यहूदाह के राजा यहूसफत के अठारहवें बरस अखिशव का बेटा यहूराम समरून में इमराएल पर राज्य करने सहा और उस ने बारह बरस राज्य किया ॥ २। और उस ने परमेश्व, की दृष्टि में बुराई किई परंतु अपने माता पिता के तुल्य नहीं दम लिये कि उस ने बवाल की मूर्ति के जो उस के पिता ने बनाई थी दूर किया ॥ ३ ॥ तथापि वह नवान के बेटे यरुविश्राम के समान पापों में जिस ने इमराएल से पाप करवाया पिलचा रहा उन से अलग न हुआ। ४। और मेव का राजा मैसा जो भेड़ों का स्वामी था और दूसराएल के राजा को एक लाख मेन्ने और एक लाख मेहे जन समेत भेंट भेजता था ॥ ५ । परंतु यो हुआ कि जब अखिअब मर गया तब मात्रब का राजा इसराएल के राजा से फिर गया ॥ ६। और यहूराम राजा ममरून से निकला और उसी समय सारे इमराएलियों को गिना । । और उस ने जाके यहूदाह के राजा यहूसफत को कहना भेजा कि मानब का राजा मुझ से फिर गया क्या न मे। अब से लड़ने को मेरे साथ न जायगा उस ने कहा कि मैं