आया तो उसके मुंह में उसने गौ मांस ठुसवा दिया। तमूर लंगड़ा जहाद का झण्डा ले ९२ हज़ार सवार लेकर लूटमार और कतल करता आया और भटनेर में १ घण्टे में १० हज़ार स्त्री पुरुषों को काट डाला। यहाँ से यह दिल्ली पहुँचा और १ लाख हिन्दुओ के सिर काटकर इसने ईद की नमाज़ पढ़ी। तुजुक तैमूरी में लिखा है कि इसके प्रत्येक सिपाही ने १५।१५ हज़ार हिन्दू मारे यहाँ से वह मेरठ पहुँचा और हज़ारों स्त्री पुरुषों को क़त्ल किया और हज़ारों को कैद किया। प्रत्येक सिपाही के हिस्से में बीस से सौ कैदी तक आये। वहाँ से वह हरिद्वार गया, जहाँ गंगा का पर्व था। वहाँ लाखो यात्रियो को कत्ल कर उनके खून से गंगा जल को लाल कर दिया।
सिकन्दर लोदी के अत्याचार प्रसिद्ध हैं बावर ने जब फतहपुर सीकरी को विजय किया तब इतने हिन्दुओं को कत्ल कराया था कि उसके तम्बू के सामने खून की नदी बह निकली थी। औरंगज़ेब के अन्ध धर्म के अत्याचार जगत प्रसिद्ध हैं। इसने असंख्य मन्दिर ढहाये, कुरुक्षेत्र में लाखों मनुष्यों को मार कर खून की नदी वहाई, गुरू तेगबहादुर के एक शिष्य को आरे से चिरवाया, दूसरे को खौलते तेल में डालकर औटाया, स्वयं गुरू का सिर कटवाया। सत नामधारी साधुओं को कत्ल करा दिया।
अंग्रेजी अमलदारी में यद्यपि इस प्रकार के अत्याचारों के मौके नहीं मिलते परन्तु धार्मिक अन्ध विश्वास के कारण ही