पृष्ठ:नाट्यसंभव.djvu/१०८

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॥श्रीः॥

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हिन्दी भाषा के प्रेमियों को विदित हो कि आज चार वर्ष से "उपन्यास" नाम की "मासिक पुस्तक" बराबर छपा करती है। हिन्दी के अच्छे २ पत्रों और उपन्यास-प्रेमियों ने इसे सराहा है। मूल्य इसका दो रुपये साल सर्वत्र, डांक महसूल कुछ नहीं। नमूने का नम्बर चार आने के टिकट भेजने सेही भेजा जाता है। इसमें जव एक उपन्यास छपकर पूरा हो जाता है, तब दूसरा आरम्भ कर दिया जाता है। अब तक नीचे लिखे उपन्यास उक्त "मासिक पुस्तक" में पुस्तकाकार छप चुके और बिक रहे हैं,-

नाम उपन्यासों का पृष्ठ संख्या मूल्य महसूल
(१) लीलावती ४७८ १।) =)
(२) राजकुमारी २६४ ।।।) /)
(३) स्वर्गीयकुसुम २७२ ।।।) /)
(४) प्रेममयी ५७ =) )॥
(५) कनककुसुम ५४ ।) )॥
(६) चपला (चार भागों में) ४८० २) ।)
(७) हृदयहारिणी ११० ॥) /)
(८) लवङ्गलता ११८ ॥) /)
(९) रज़ीया बेगम १४० ॥=) /)
(१०) तारा (तीन हिस्सों में) ३६० १॥) =)

ऊपर जो दसों उपन्यासों के नाम लिखे गए हैं, वे कैसे