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आचरण की सभ्यता

जो कवि अपनी सारी शक्ति खर्च कर देते हैं उन्हें तत्त्वदर्शी कहना चाहिए; क्योंकि राबिन हुड जैसे भौतिक पदार्थों से ही नेलसन और वेलिंगटन जैसे अँगरेज वीरों की हड्डियाँ तैयार हुई थीं। लड़ाई के आज कल के सामान-गोले, बारूद, जंगी जहाज और तिजारती बेड़ों आदि-को देखकर कहना पड़ता है कि इनसे वर्तमान सभ्यता से भी कहीं अधिक उच्च सभ्यता का जन्म होगा। यदि योरोप के समुद्रों में जंगी जहाज मक्खियों की तरह न फैल जाते और योरोप का घर घर सोने और हीरे से न भर जाता तो वहाँ पदार्थ-विद्या के सच्चे आचार्य और ऋषि कभी न उत्पन्न होते । पश्चिमीय ज्ञान से मनुष्य मात्र को लाभ हुआ है। ज्ञान का वह सेहरा-बाहरी सभ्यता की अंतर्वर्तिनी आध्यात्मिक सभ्यता का वह मुकुट-जो आज मनुष्य जाति ने पहन रखा है योरोप को कदापि न प्राप्त होता, यदि धन और तेज को एकत्र करने के लिये योरोपनिवासी इतने कमीने न बनते । यदि सारे पूर्वी जगत् ने इस महत्ता के लिये अपनी शक्ति से अधिक भी चंदा देकर सहायता की तो बिगड़ क्या गया ? एक तरफ जहाँ योरोप के जीवन का एक अंश असभ्य प्रतीत होता है कमीना और कायरता से भरा हुआ मालूम होता है-वहीं दूसरी ओर योरोप के जीवन का वह भाग, जिसमें विद्या और ज्ञान के ऋषियों का सूर्य चमक रहा है, इतना महान है कि थोड़े ही समय में पहले अंश को मनुष्य अवश्य ही भूल जायेंगे।