पृष्ठ:निर्मला.djvu/४

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निर्मला

पहला परिच्छेद

यों तो बाबू उदयभानुलाल के परिवार में बीसों ही प्राणी थे; कोई ममेरा भाई था, कोई फुफेरा; कोई भाञ्जा था, कोई भतीजा; लेकिन यहाँ हमें उनसे कोई प्रयोजन नहीं। वह अच्छे वकील थे, लक्ष्मी प्रसन्न थी; और कुटुम्ब के दरिद्र प्राणियों को आश्रय देना उनका कर्त्तव्य ही था। हमारा सम्बन्ध तो लोग उनकी दोनों कन्याओं से है, जिनमें बड़ी का नाम निर्मला; और छोटी का कृष्णा था। अभी कल तक दोनों साथ-साथ गुड़िया भी मैं थीं। निर्मला का पन्द्रहवाँ साल था, कृष्णा का दसवाँ; फिर