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अङ्क ३]
[दृश्य २
न्याय

फ़ाल्डर

[उत्सुकता से]

जी हाँ।

दारोग़ा

अपने मन को वश में रक्खो। कुछ पढ़ते हो?

फ़ाल्डर

[सिर झुकाकर]

मेरी समझ में कुछ आता ही नहीं। मैं जानता हूँ इससे कोई फ़ायदा नहीं। फिर भी बाहर क्या हो रहा है, यह जानने की इच्छा होती है।

दारोग़ा

क्या कोई घरेलू मामला है?

फ़ाल्डर

जी हाँ।

१९७