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अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय

[कोकसन की कुर्सी की ओर इशारा करके]

मिलना चाहती हैं तो जरा बैठिए। वे आते ही होंगे। उनको कभी देर नहीं होती।

[संकोच के साथ]

मैं खयाल करता हूँ वे देहात से वापस आए होंगे। उनकी मियाद तो तीन महीने हुए पूरी हो गई, जहाँ तक मुझे याद है।

[रुथ सिर हिलाकर स्वीकार करती है]

मुझे उनके लिए बहुत दुःख है। मेरे ख़याल से मालिक ने उनके साथ अन्याय किया।

रुथ

हाँ, अन्याय तो किया।

स्वीडिल

उनको चाहिए था कि उन्हें उस बार माफ़ कर देते। और जज को भी चाहिए था कि उन्हें छोड़ देते। वे आदमी का स्वभाव क्या जानें। हम लोग इनसे कहीं अच्छी तरह जानते हैं।

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