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अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय

कोकसन

[उत्कंठा से]

फिर क्या हुआ?

रुथ

[हँसकर]

दूकान के मालिक ने मेरे ऊपर दया की, अभी तक उनकी दया बनी हुई है।

कोकसन

ओफ़! मैंने ऐसी बात कभी नहीं सुनी।

रुथ

[उदासीन भाव से]

उनका व्यवहार मेरे साथ अच्छा है। लेकिन अब वह सब खतम हो गया।

[उसके होंठ अचानक काँपने लगते है उलटी हथेली से वह होठों को छिपा लेती है।]

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