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अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय

फ़ाल्डर

मैं जब वहाँ गया तब वे खाना खा रहे थे। मेरी बहन मुझे चूम लेना चाहती थी। मगर उसने उसकी ओर घूर कर देखा,...फिर मुझसे कहा—तुम क्यों आये हो? मैंने अपने सब अभिमानों को दबाकर कहा—"क्या तुम मुझसे हाथ नहीं मिलाओगे, जिम?" उसने कहा—"देखो जी, जो कुछ हुआ वह हुआ। मैं तुमसे निबटारा कर लेना चाहता हूँ। मैं जानता था कि तुम आओगे, और मैंने पहिले ही निश्चय कर लिया है, मैं तुम्हें २५ गिन्नी देता हूँ! तुम केनाडा चले जावो। मैंने कहा, ठीक है, ख़ूब गला छुड़ा रहे हो। धन्यवाद! मुझे ज़रूरत नहीं है, २५ गिन्नी अपने पास रक्खो। जिस दशा में मैं रह चुका हूँ उस दशा में रहने के बाद फिर कहाँ की दोस्ती?

कोकसन

मैं समझ गया। अच्छा, यदि मैं तुम्हें २५ गिन्नी दूं तो तुम लोगे, भाई?

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