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अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय

साख जमाओ। अब रही दूसरी बात, वह यह है कि जिस औरत के साथ तुम्हारा सम्बन्ध था; तुम्हें वचन देना पड़ेगा कि आगे उसके साथ तुम्हारा कोई सरोकार नहीं रहेगा। अगर तुम इस तरह का सम्बन्ध रख कर अपना जीवन-सुधार शुरू करोगे, तो तुम कभी अपनी नीयत ठीक नहीं रख सकते।

फ़ाल्डर

[हर एक की मुँह की ओर दुःखी आँखों से देखकर]

लेकिन साहब....इसी भरोसे पर तो मैंने यह सब दुःख झेले हैं। और भी...कल रात को ही मुझसे उसकी मुलाकात हुई है।

[यह और इसके पीछे की बातें सुनकर कोकसन की परेशानी बढ़ती जाती है।]

जेम्स

यह बहुत दुःख की बात है, फ़ाल्डर। तुम समझ सकते हो मेरे जैसे कार्यालय के लिए यह असंभव है कि वह अपनी आखें सब तरफ से बन्द कर लें। अपनी नीयत

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