यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
अङ्क १़]
[दृश्य १
न्याय
कोकसन
बिलकुल जरा-सी तो बात है। मुशकिल से मिहनताने भर का भी न होगा। मैं समझता था आप खुद ही इसे कर लेंगे।
वाल्टर
नहीं आप भेज ही दें। मैं ज़िम्मेदारी अपने सिर नहीं लेना चाहता।
कोकसन
[ऐसे दयाभाव से जो शब्दों में नहीं प्रकट किया जा सकता]
जैसी आपकी इच्छा; और यह रास्ते के हक़वाला जो मामला है, उसकी सब लिखा-पढ़ी हो गई है।
वाल्टर
मैं जानता हूँ; लेकिन साफ़-साफ़ तो उनकी मनशा यही मालूम होती है, कि शिरकत की ज़मीन को अलग कर दिया जाय।
कोकसन
हमें इससे क्या मतलब, हम कानून से बाहर नहीं हैं।
१८