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अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय
विस्टर
[उसके भाव के परिवर्तन को देखकर शान्त स्वर से]
बहुत अच्छा, साहब। लेकिन मैं आपको होशियार कर देता हूँ कि उसको आश्रय देना....
जेम्स
मैं किसी को आश्रय नहीं देता, लेकिन आप आगे कभी आकर मुझसे ऐसे प्रश्न न कीजिएगा जिनका जवाब देने के लिए हम मजबूर नहीं हैं।
विस्टर
[रूखी आवाज़ से]
खैर, साहब, अब आगे मैं आपको तकलीफ़ नहीं दूंगा।
कोकसन
मुझे दर असल अफ़सोस है कि मैं आपको कोई खबर नहीं दे सकता। खैर, आप तो समझते ही हैं। अच्छा, सलाम!
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