पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२१०

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ADDITIONS AND CORRECTIONS 37 P. १२५ १२६ १२८ Correct मझे एनिउ 'दाहेण घट्ट पच्चत्तरु मच्च वि मारवन्तु' विहि ~मरु णरिन्द १३० 71 १३१ 1. 17 12 2 14 20 2 21 last 22 5 8 f. 11. fourth line 15 11 8 f. n. 1 भो इन्द्र १३२ १३४ " बलहं भिच्चहुँ णाहि लीलोद्भूतं० सुर-वगलामुळे अरें १४० १४१ कि मक्का .) १४३ " 5 3 10 11 2+ 15 26 last but one 17 f. n. 8.1 १५० P. तेण qfeft* (S.'s reading) -वण्ण परत्तउ नुहुँ नाप-वेम परितोमिएंण, पहमिण विज्जुष्पह- कग्यले, घरेंवि, परिहरे वि', विमज्जियउ ickly '69' भन्नण A पहंजण clrop the query पिमायरउ कन्ने A किन 11 १५२ १६० १६२ 12 22 17.11