पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२७४

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ho $ TO 15 क० १४,७-९, १५, १-९,१६,१-४] छट्ठो संधि धम्मेण मणुय-देवत्तण वलएव-वासुएवत्तण ॥७ धम्मेण अरहँ-सिद्धत्तण तित्थङ्कर-चक्कहरत्तणइँ ॥८ ॥ घत्ता। एके धम्में" होन्तऍण इन्दा देव वि सेव करन्ति । धम्म-विहूणहों माणुसहों चण्डाल वि पङ्गणऍण ठन्ति ॥९ [१५] तडिकेसे पुच्छिउ पुणे वि 'अण्णहिं भवे को हउँ को वै सुरु' ॥१ जइ जम्पइ 'णिसुणुत्तर-दिसएँ जाओ सि आसि कासी-विसऍ ॥२ तुहुँ साहुँ एहु धाणुकु तहिँ" आइउँ तरु-मूलें वि थिओ सि हिँ ॥३ णिग्गन्थु णिऍवि उवहासु कई ईसीसुप्पण्णु कसाउ तउ ॥४ भजेंवि कौवित्थ-सग्ग-गमणु पत्तो सि णवर जोइस-भवणु ॥५ तत्थहों वि चवेप्पिणु सुद्धमई हूओ सि एत्थ लङ्काहिवइ ॥ ६ धाणुकिउ हिण्डेंवि भव-गहणे उप्पण्णु पवङ्गमु पमय-चणे ॥ ७ पइँ हर समाहि-मरणेण मुउ पुणु गम्पिणु उवहि-कुमारु हुउ' ॥८ ॥ घत्ता ॥ तं णिसुणेवि लङ्घसरण रजे सुकेर्से थवेंवि परमत्थें । मुऍवि कु-वेस व राय-सिर्य तव-सिय-वहुय लइय सइँ हत्थें ॥ ९ [१६] जं विजुकेसु णिग्गन्थु थिउ पञ्चेहि मुद्विहिं सिरे लोउ किउ ॥ १ तं कडय-मउड-कुण्डल-धरण सम्मत्तु लइउ दिदु सुरवरेण ॥२ एत्यन्तरें किक-पुरेसरहों गउ लेहु कइद्धय-सेहरहों ॥३ महि-मण्डेलें पत्तिउ दिगु किह णावालउँ गङ्गा-बाहु जिह ॥ ४ 11 s °देवत्तणइ. 12 A परम. 18 s सिद्धत्तणाई. 14 s °चकहरत्तणाई. 15 धम्मे. 16 A इंदाएव. 17 5 पंगण म हवंति. 15. 15 तडिकेसिं, A तहिं कसें. अण्णहि, A अन्नहि. 3s के. 4 PS हउ. 5 P S अ. G " जंपइं. 7 ! जाउं. 8 s तुहु. 9 साहुं. 101 धाणुक. 11 : तहि. 12 SA आयउ. 13 : तरुमलि हिं थिय उ. 1 1 5 जहि. 15 The portion up to उवहा' missing in s. 16 A किउ. 17 125 ईसीसुपण्णु, । इसीसिप्पण्णु. 18 PS भंजिवि कापिस्थ. 19 Ps सुद्धमई, A सच्छमइ. 20 A इत्थु. 11 धाणुकिउ. 22 A हिंडिवि. 23 ' S पह. 24 P S उयहि कुमारु. 255 णिसुणिवि. 2G A सुके उ. 27 P परमथे. 28 s मुयवि. 29 5 सिया. 30PS A सइ. 16. 1 P 8 विजकेसु. पंचहि, A पंचहिं. 3 P मुष्टि, मुहिहि. 4 P सिर, SA सिरि. 5 लपउ. 6 PS इत्यंतरि, A एस्थंतरि. 7 7 किकि. 8 मंडलि. 9 5 किहा. 10 Pणामालउ, णामूलड. 20