पृष्ठ:पत्थर युग के दो बुत.djvu/३

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पत्थर-युग के दो बुत मुझे मिले हैं–––
एक औरत, दूसरा मर्द
ज़माने ने इन्हें सभ्यता के बड़े-बड़े लिबास पहनाए
इन्हें सजाया-सवारा, सिखाया-पढ़ाया
ज़माना आगे बढ़ता गया
और वह सभ्यता के शिखर पर जा बैठा
पर ये दोनों बुत अपने लिबास के भीतर आज भी
वैसे ही पत्थर-युग के बुत हैं
इनमें एक बाल-बराबर भी अन्तर नहीं पड़ा है
एक है औरत और दूसरा है मर्द–––