पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३५२

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2 परमार्थसोपान - टिप्पणी [ Part I Chap.I परमार्थ सोपा न टिप्पणी I CHAPTER 1 डहकायो - From डहकाना ( causal of डहकना = ठगा जाना, cf. डाका ). धोखे ही धोखै डहकायो deceit. = I was cheated by deceit after गीध्यो - From गीधना ( connected with Sk. गृध् to covet ) = ( मैं ) फँस गया । माँझ = मध्य में, f . मज्झिम निकाय, also (Marathi) माजघर । अवनिकों जल देखि = अवनि को जल ऐसा देखकर, cf. Mayasur's माया ; in the phenomenon of mirage अवनि को should be अवनि पर . - - चाख्यौ - From चाखना = to taste; here to taste; here – to peck at ( because there is no juice in the सेमर फल ). ताँवरो (m.) – From Sk. ताप, ( तावरी . ) = f. मूर्च्छा । चाहटें - cf. चौराहा और चौरस्ता, also ( Marathi ) चव्हाटा; चौहट्ट हट्ट सुबट्ट वीथी, चारु पुर बहु विधि बना' -तुलसीदास. काल व्याल = काल रूपी व्याल से । खवायो भगवन्तभजन.............. - आप खवायो - A man who does not worship God makes himself a morsel of Death. भुलाने = भूले हुए हैं । 2 == असवरवा ( Corrupt form of असवार ) अश्वारोही । Con- trast अश्ववार in ऋग्वेद horse. = अश्ववाल – The hair of a -