पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/४१८

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68 परमार्थसोपान - टिप्पणी [ Part I Chap. V मूँदना and रूंधना 1 Both mean 'to close' but are usually used respectively with the eye and the car. खुले नैन पहिचानों हँसि हँसि ct. The story of Baba and the carpenter. निहारों = देखता हूँ । ef. Marathi ' न्याहार देता आकाशी । सवद निरन्तर से - For the interposition of निरंतर bet- ween शब्द and से, ef. "तं पातया प्रथम मास पपात पश्चात्ं । सबद निरंतर से मन लागा मलिन वासना त्यागी तारी - Contempla- tion of eternal sound enables the mind to get rid of foul desires. == ताड़ी ( From Sk. त्राटक ) cf. ' दसवें द्वारे तारी लागी । उन्मनि रहनी ous. परगट करि गाई - Ecstatic life; life in the super consci- Grammatically प्रकट कर के गाया है but in efficet गाकर प्रकट किया है । 66 Note:- 1. Compare for the whole poem, आत्मा त्वं गिरिजा मतिः सहचराः प्राणाः शरीरं गृहम् । पूजा ते विषयोपभोग रचना, निद्रा समाधिस्थितिः ॥ संचार पदयोः प्रदक्षिणविधिः स्तोत्राणि सर्वा गिरो । यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तत्राराधनम् ॥ - शंकराचार्य and " एवं तो वोल ते स्तवन । तो देखे तें दर्शन । अद्वया मज गमन । तो चाले तचि ॥ तो करी तेतुली पूजा । तो कल्पी तो जप माझा । तो निजे तो चि कपिध्वजा । समाधी माझी ॥ ज्ञानेश्वरी अ. १८ 2. Iu asessing the real nature of Sama- dhi we must beware of the philosophy of an idler. cf. Spinoza on God and dog.