"S. Sugenheim. Geschichte der Auflichung der Lcibeigenschaft und Hörigkeit in Europa bis um die Mitte des neun zehnten Jahrhunderts. St. Petersburg, 1861.-90 fue 45 फा० मार्स के मौर्गन के 'प्राचीन समाज' विषयक नोट्स । -पृ०७२ फा० मावस के मौगन के 'प्राचीन समाज' विषयक नोट्स । -पृ०७२ 47 M. Kovalevsky. Tableau des Origines et de l'évolution de la famille et de la propriété, Stockholm, 1890.-90 63 48 L. H. Morgan. Ancient Society. p. 465-466.-90 69 49 L. H. Morgan. Ancient Society. p. 470.-90 63 50 फा० मापर्स के मोर्गन के 'प्राचीन समाज' विषयक नोट्स । -पृ०७३ 81 यहा इशारा म० म० कोवालेन्स्की की पुस्तक 'आदिम कानून , भाग १, गोत्र' (मास्को, १८८६ ) की ओर है। लेखक ने रूस में युटुव-ममुदाय के बारे मे पोन्स्किी द्वारा १८७५ में और येफिमेन्को द्वारा १८७८ में संग्रहीत तथ्य-सामग्री दी है। -पृ. ७५ 2 यारोस्लाव का 'प्रादा' -प्राचीन रूस की विधि-संहिता, 'सी प्रायदा' के पुराने पाठ मे संहिता का पहला भाग। यह सहिता ११ वीं और १२ वी शताब्दियो में उन परंपरागत नियमो के अाधार पर तैयार की गयी थी जो अभी भी प्रचलित थे और जो तत्कालीन समाज के सामाजिक आर्थिक संबंधो को प्रतिविबित करते थे।-पृ०७५ BI डाल्मेशियन कानन-ये कानून पालिट्ज (डाल्मेशिया का एक भाग) में १५ वी से १७ वी शताब्दियों तक लागू रहे और पालिट्ज-संविधि के नाम से जाने जाते थे1-पृ० ७५ 54 A. Heusler. Institutionen des Deutschen Privatrechts. Bu. II, Leipzig, 1886, s. 271.-पृ० ७५ २३५
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