पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/५

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प्रकाशकीय

यह पुस्तक एंगेल्स के दो महीनो—मार्च, १८८४ के अन्त से मई, १८८४ के अन्त तक के परिश्रम का परिणाम है। मार्क्स की पांडुलिपियो का अध्ययन करते हुए उनमे प्रगतिशील अमरीकी विद्वान एल॰ जी॰ मौर्गन की पुस्तक 'प्राचीन समाज' के विशद नोट मिले, जिन्हे मार्क्स ने १८८०-१८८१ मे तैयार किया था। साथ मे मार्क्स की अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियां, अपनी धारणाओं की रूपरेखाए और अन्य स्रोत-सामग्रियों की टीपें भी थी। इन नोटों का अध्ययन करने के बाद एगेल्स को विश्वास हो गया कि मोर्गन की पुस्तक इतिहास की भौतिकवादी समझ तथा आदिम समाज विषयक मार्क्स की और उनकी अपनी धारणाओं की पुष्टि करती है। अतः उन्होने मार्क्स द्वारा छोड़ी हुई सामग्री और मौर्गन की पुस्तक मे उपलब्ध कतिपय तथ्यात्मक सामग्री एवं निष्कर्षों को आधार बनाकर एक विशेष पुस्तक लिखने का निर्णय किया। अपनी दृष्टि में वह इस प्रकार "कुछ मानों मे मार्क्स की एक अंतिम अभिलाषा की पूर्ति" भी कर सकते थे। प्रस्तुत पुस्तक को लिखने मे एंगेल्स ने यूनान, रोम, प्राचीन आयरलैण्ड, प्राचीन जर्मनों, आदि के इतिहास से संबंधित अपनी गवेषणाओं के दौरान संकलित विविध सामग्री को भी इस्तेमाल किया।

'परिवार, निजी संपत्ति तथा राज्य की उत्पत्ति' मे एंगेल्स मार्क्सवादी साहित्य में पहली बार ऐतिहासिक भौतिकवाद के दृष्टिकोण से परिवार के आविर्भाव और विकास के प्रश्न का विवेचन करते हैं। परिवार को एक ऐतिहासिक अवधारणा मानते हुए वह प्राचीन यूथ-विवाह से लेकर निजी संपत्ति के आविर्भाव के साथ प्रतिष्ठित एकनिष्ठ परिवार तक उसके विभिन्न