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पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/७६

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रूप है, जिसमे पुरपो की अनेक पत्नियां होती है और स्त्रियों के अनेक पति होते है। ४. एकनिष्ठ परिवार । ऊपर ही बताया जा चुका है कि परिवार का यह रूप, वर्वर युग की मध्यम तथा उन्नत अवस्थानों के बीच के परिवर्तन के युग मे , युग्म-परिवार से उत्पन्न होता है। उसकी अंतिम विजय इम वात की एक सूचना थी कि मभ्यता का यग प्रारम्भ हो गया है। एकनिष्ठ परिवार पुरष की सर्वोच्च सत्ता पर आधारित होता है। उसका स्पष्ट उद्देश्य ऐसे बच्चे पैदा करना होता है जिनके पितृत्व के बारे में कोई विवाद न हो। यह इसलिये जरूरी होता है कि समय पाने पर ये बच्चे अपने पिता के सीधे उत्तराधिकारियो के रूप मे उसकी दौलत विरासत में पा सकें। युग्म-विवाह से एकनिष्ठ परिवार इस माने में भिन्न होता है कि इसमे विवाह- सम्बन्ध कही ज्यादा दृढ होता है और दोनों में से कोई भी पक्ष उसे जब चाहे तव नहीं तोड़ सकता। अब तो नियम यह बन जाता है कि केवल पुरुष को ही विवाह के सम्बन्ध को तोड़ देने और अपनी पत्नी को त्याग देने का अधिकार होता है। अपनी पत्नी के प्रति वफादार न रहने का उसका अधिकार अब भी कायम रहता है, कम से कम रीति- रिवाज इस अधिकार को मान्यता प्रदान करते हैं (Code Napoleonss मे तो साफ तौर पर पति को यह अधिकार दिया गया है बशर्ते कि वह अपनी रखैल को अपने घर के अन्दर न लाये ) और समाज के विकास के साथ साय पुरुष इस अधिकार का अधिकाधिक प्रयोग करता है। परन्तु यदि पली प्राचीन यौन सम्बन्धों की याद करके उन्हें फिर से लागू करना चाहे, तो उसे पहले से भी अधिक सख्त सजा दी जाती है। परिवार के इस नये रूप को, ऐसी हालत में जब उसमे जरा भी नर्मी नही रह गयी है, हम यूनानियों के बीच देखते है। जैसा कि मास ने कहा था यूनानियो की पुराण-कयानो में देवियो का जो स्थान है, वह उस पूर्व काल का प्रतिनिधित्व करता है, जब स्त्रियों की स्थिति अधिक सम्मानप्रद और स्वतन्त्र थी। परन्तु वीर-काल मे हो हम यूनानी स्त्रियो को, प्रधानता और दासियो की होड़ के कारण , निरादत पाते है। 'रोडीसी' में आप पढेंगे कि टेरोमाकस किस प्रकार अपनी मां को डांटकर चुप कर देता है। होमर की रचनामो मे यह वर्णन मिलता है कि जब कभी यवतिया मुद्र में पकड़ी जाती है तो वे विजेताओं की काम-लिप्सा का शिकार बनती की पुरप ७९