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ध्यक
( अप ) ( अशो ) उभ
कर्म कवकृ
क्रिवि
है
(मा) चझ
(शो)
सक्र सक्र
हक
संकेत--सूचो ।
॥ है ॥ ॥
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कप लुक.
अव्यय | अकमेक धातु। अपभ्रश भाषा । अशोक शिक्षालेख । सकमक तथा अकमक धातु ! कर्मशि-बाख्य | कर्मशि-वर्तमान-कदन्त | कृत्य-प्रत्ययान्त । क्रियापद । क्रिया-विशेषणा | चूलिकापैशाची भाषा । तिल्षिज्ध देश्य-शब्द | नपुंसकल्निड्ध । पूंलिद्ध । पुंलिज्ञ तथा नपुंसकल्लि्ध | पुंलिड्ध तथा ख्रोल्निज्ध । पैशाची माषा | प्रेरशाथक रिजन्त। बहुबचन । मविष्यत्कृदन्त । भविष्यत्काल । भूतकाह्न ।. भूत-कदन्त | मागधी भाजा | वतमान कृदन्त । विशेषया | शौरसेनी भाषा | तबनाम | संबन्धक कृदन्त । सकमक धातु | सत्रीक्षिज्ञ | ; सत्रीलिंग तथा नपुंसकप्षिंग देत्वथ कृदन्त ।
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