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तक्षशिला की कुछ प्राचीन इमारतें


दिया। जो अंश ख़ाक हो जाने से बचा वह उजड़ गया। उस पर जंगल उग आया। धीरे धीरे भग्नांश पृथ्वी के पेट के भीतर दब गये।

आरकियालाजीकल महकमे ने अब तक्षशिला के खँडहर खोदकर उन टूटी-फूटी इमारतों को बाहर निकालना शुरू किया है। यह काम कई सालों से जारी है। अब तक जो भग्नांश खोद निकाले गये हैं और उनसे जो जो चीज़ प्राप्त हुई हैं उनका वर्णन इस महकमे की सचित्र सालाना रिपोर्टों में हो चुका है। अब इस महकमे के अध्यक्ष, सर जान मार्शल, ने प्रत्येक भग्नांश का विवरण पृथक् पृथक् पुस्तकों में प्रकाशित करने का क्रम जारी किया है। इससे यह सुभीता होगा कि प्रत्येक स्थान-विशेष का वर्णन एक ही जगह मिल जायगा। तक्षशिला की खुदाई से अब तक जो ऐतिहासिक पदार्थ--मूर्तियाँ, स्तूप, औज़ार, व्यावहारिक वस्तुयें, सिक्के आदि--निकले हैं उन पर, साधारण तौर पर, एक अलग पुस्तक भी प्रकाशित को गई है। उसका नाम है--A guide to Taxila उसमें तक्षशिला की खोद-निकाली गई इमारतों का भी वर्णन है।

प्राचीन तक्षशिला के खँडहरों की सीमा के भीतर एक जगह जौलियाँ (Jaulian) नाम की है। उसे खोदने से जो इमारतें और जो पदार्थ निकले हैं उनका विवरण, एक अलग पुस्तक में, अभी हाल ही में, प्रकाशित