पृष्ठ:प्रतापनारायण-ग्रंथावली.djvu/१७

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४८८ ४९० ४९२ ४९४ १०.निजत्व ११. आत्मगौरव १२. आत्मीयता १३. अंतरात्मा का अनुसरण १४. संगति का विचार १५. संलग्नता १६. आत्मनिर्भर १७. अयं शुद्धि १८. स्वत्वसंरक्षण १९. आस्तिकता २०. कर्तव्यपालन २१. स्मरणीय वाक्य परिशिष्ट ४९६ ४९८ ५०० ५०१ ५०३ ५०८ ५०९