पृष्ठ:प्रतापनारायण-ग्रंथावली.djvu/२१

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पं० प्रतापनारायण मिश्र के एक पत्र की प्रतिलिपि प्रियवरेषु ७ हुनरकाप्रसाररोधाय है।इएका पाकहना है यहलोपनाचीच ठहराबाहादेसापबाटनाचा R२००टोसौप्ररितदीलिए श्री००मप्रसाबिपाही महोप कीचिमनसा और श्रील. प्रबनाने में प्रवाई कामगहरा नही कियाचाहतारिल संहादिषपहिरवानिरवायापार तालिप्रापलानाचाहें तोवं उपमहतोकौन विठाएक गइरहे!- मोपोग्यप्राता भवीय ILAD: प्राणि MAME कानपूर m/ EAST INDIA INT POST CARDESI _ THE ADDRESS ONLY TO BE WRITTEN ON THIS SIDE श्रीयुतपंडितश्रीधरपाठकमहोदय . लारसबकारफतर Vivya KARANAMES Office.. Alalalab ALL DET पा. 80