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प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि

समाचार-पत्र के संवाद-दाता के जहाज़ को रूसियों ने पकड़ लिया। कुछ काल तक उक्त संवाददाता को रूसियों की हिरासत में रहना पड़ा। अन्त में वह छोड़ दिया गया।

युद्ध में किसी को धोखे से मारना मना है, परन्तु एक दल के सैनिकों का दूसरे दल वालों पर छिप कर छापा मारना मना नहीं। शत्रु के खाने पीने की चीज़ों में विष मिला देना, विष से बुझे शस्त्रों का प्रयोग करना और तोपों में नाल, शीशे और विविध धातुओं के टुकड़े तथा इसी प्रकार की अन्य चीजें भरना आदि बातें भी नियम विरुद्ध समझी जाती हैं। ज्वालाग्राही पदार्थों से भरे हुए गोले बड़े ही भयङ्कर होते हैं। जहाँ एक भी ऐसा गोला गिरता है, वहाँ सफाया ही हो जाता है। गोले जितने छोटे होंगे, उतने ही अधिक एक बार में चलाये जा सकेंगे और जितने ही अधिक गोले होंगे जहाँ तहाँ गिर कर, उतना ही अधिक भयङ्कर संहार वे करेंगे। इसीलिए आध सेर से कम वजन के ज्वाला-ग्राही-पदार्थ युक्त छोटे गोले युद्ध में नहीं चलाये जाते। १८७४ में ब्रसेल्स में, एक सैनिक सभा हुई थी। उसमें ते पाया था कि योद्धाओं को यह अधिकार नहीं है कि वे जिस तरह चाहें अपने शत्रुओं को मार डालें। इसलिए भविष्यत् म युद्ध के समय, अब ऐसे गोले न व्यवहार