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प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि

शरण चाहते हैं। युद्ध बन्द कर दिया गया। जापानी उन्हें कैद करने के लिए आगे बढ़े। पास पहुंँचते ही रूसियों ने उन पर बन्दूक की बाढ़ें छोड़ीं। सैकड़ों जापानी मुफ्त में मारे गये! परन्तु अन्त में मैदान जापानियों ही के हाथ रहा।

अरक्षित और चहारदीवारी से न घिरे हुए नगर पर गोला-बारी नहीं की जाती। यदि ऐसे नगर का किसी सैनिक अड्डे से विशेष सम्बन्ध हो, अथवा उसमें रसद रुकी पड़ी हो, तो फिर उस पर भी गोला-बारी की जा सकती है। जिस स्थान पर गोला-बारी की जाने को होती है वहाँ के निवासियों को सूचना द्वारा वहाँ से चले जाने की आज्ञा दे दी जाती है। परन्तु इस प्रकार की सूचना देना अथवा न देना आक्रमणकारी पक्ष की इच्छा ही पर छोड़ दिया गया है। अपने अधीन रहने वाली असभ्य जातियों से लड़ाई में सहायता लेना अनुचित नहीं, परन्तु इन जातियों की सेना का आधुनिक ढंँग पर शिक्षित होना आवश्यक है।

शत्रु पक्ष की टोह जासूस ले सकते हैं; परन्तु पकड़ जाने पर उन्हें फाँसी मिलती है। पहले तो गुब्बारे द्वारा उड़ने वाले लोगों तक को, युद्ध के समय पकड़ लिये जाने पर, जासूसों ही की तरह दण्ड मिलता था; परन्तु अब वह बात जाती रही है।