पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 1.djvu/२०८

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प्रभू। विमल इन्दु की विशाल किरणें प्रकाश तेरा बता रही हैं अनादि तेरी अन्य माया जगत् को लीला दिखा रही हैं प्रसार तेरी दया अन्ननत माया