पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 5.djvu/२४६

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अब आप विचार कर सकते हैं कि जिस धर्म के आधार पर पवित्र-विज्ञान के आकार का निर्माण प्लेटो ने किया और ग्रीस के जिन प्राचीन दार्शनिकों ने जिस जरथुस्त्र धर्म से बहुत कुछ लिया वह पारसी धर्म उनसे भी पीछे का है। ऐसा मानने में पक्षपात है या नहीं ? ट्राय का युद्ध १३०० या १४०० ईसवी पूर्व का माना जाता है । उससे भी ६००० वर्ष पूर्व अर्थात् ७५०० ईसवी पूर्व में जरत्त्वष्ट्र (प्राचीन-त्वष्टा) का होना, ग्रीक दार्शनिकों और इतिहासकारों ने माना है। मेगास्थनीज के दिए हुए राजवंश-संख्या और समय-निरूपण से भी वही मिलता है, जिसका समर्थन हमारे पुराणों की तालिका करती है। फिर उस समय को क्यों न माना जाय ? यदि त्वष्टा का धार्मिक संघर्ष इतना प्राचीन है तो यह बात स्वयं प्रमाणित हो जाती है कि प्राचीन सुमेरिया, इजिप्ट और वैविलोनिया आदि में प्राचीन असुर-उपासना का धर्म इन्ही मीडिया में विताड़ित आर्यों के धर्म का प्रतिबिंब है । इन सब देशों मे मित्र-वरुण की उपासना ईरानी धर्म-याजकों के प्रचार के द्वारा प्रचलित हुई।, और उनकी सभ्यता से ये सब देश आलोकित हुए। अतः यह Indo-Iranian-Period इससे सात-आठ हजार वर्षों से भी प्राचीन है। इसी काल में सुमेरियन सभ्यता का प्रभात होता है। अब आवश्यक है कि सुमेरिया इत्यादि के संस्कृति-केन्द्र होने की परीक्षा की जाय। त्वष्टा के अनुयायी वृत्र या अहि का निवास ऋग्वेद में निण्य लिखा है : "वृत्रस्य निण्यं वि चरन्त्यापो दीर्घ तम आशयदिन्द्रशत्रु.' (ऋक, १-३२-१०)। यह निण्य प्राचीन सुमेरिया का निन्न' नामक स्थान है। अवेस्ता के अनुसार भी Azi Dohak अहि Bawri बावेरु (बेबिलोन) मे रहता था। मरमा के उपाग्यान से भी असुर- 1) analysis of the Ancient Mythology, published in 1807, in which he deals at some length with the subject of Zoroaster, quotes such fairly reliable writers as Pliny the elder, Plutarch, Plato and Eudoxus amongst many others and comes to the conclusion that the name of Zarthusthra or Zerdusht as given by some must have been borne by more than one person and this is possibly correct. It would also account for the tradition that Zarthusthra was accorded immortality as a result of his intimate communications with the creator, Ormuzd. Pliny places him many thousand years before Moses. Plutarch tells us that he lived 5000 years before the death of plato which occurred in 348 B, C.-(p. 11, Zoroaster). १४६ : प्रसाद वाङ्मय