पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/३३

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~ ( २५ ) से देखो । इसका डंठल पतला और कड़ा है । यह टिकोमा के डंठल के समान कोमल नहीं है। इसकी हरी पत्तियां मिली हुई हैं, और एक लम्बा गिलास सा बनाती हैं । अब तुम इन पीली पंखड़ियों को नोच कर देखो । इस की पंखड़ियां गुलाब या टिकोमा की पंखड़ियों के समान नहीं हैं । गेंदे की पंखड़ियों की जड़ में दो सफेद डोरे से दिखाई देते हैं । ये फूल की बाहरी पत्तियां हैं, और ये कोमल दशा में हैं। गेंदे के फूल की प्रत्येक रंगीन पंखड़ी में तुम एक सादा फूल के भाग देख सकते हो । अब तुम सूरजमुखी के फूल को देखो। इसकी बनावट 1 (सूरजमुखी ), चित्र सं० १४ Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri