पृष्ठ:प्राचीन पंडित और कवि.djvu/३७

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लेलिंरराज

का नाम अपने ग्रंथों में दिया है उनका कुछ भी पता नहीं चलना। चोल, कर्नाटक, पांय और यांध्रदेश के राजाओं की जो नामावली पर तक सात हुई है उममें इन राजाओं का नाम नहीं । जान पड़ता है, ये कोई छोटे मांडलिक राजा धेयधक का प्रसिद्ध अथ धाम्भह, चरक और मुश्रुत से कुन पौडे का है। इस वागभट्ट का उल्लेख गोलियरात ने अपने पंचायतम ने किया है, जिससे यह सिर है कि 'नागिपराज पाम पीछे हुए है। और याम्म का ममय इंसा की यारदयीं शतानी के रागमग माना मोतियरा में अपने में अपनी मामा मशमा को । मीना फका उदाग ऊपर दिये जा है। पहा पाएर उदारम प्रार देते, पयोंकि उसने उन्होने अपने पिता का नाम गिरा। पदीय प्रेर. गोया के अंत में :- यादयोपिया wear. घाम मीमा गcिer दियाभाम्भोधिप्रपामापनि । संग बिता मागता भूमापन TITretaiमिननिय पि::: win में rearmt: गादिया mami antargumes imirmi N