पृष्ठ:प्राचीन पंडित और कवि.djvu/५५

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फारसी करि हाफिज resoupro Jyorsr Jyoti अक्षरातर जॉशरयते महगो यादप शौक। दर सागरे दिल मुदाम दारद ।। अनुवाद मधुरामय अनुराग अरु प्रेम-पारुसी-बार । अंतर घट में भर र निज मन मुकुर निहार ॥ Nisala astro असंतर शोगदए जर यार दापम् । दर मे पला गुगाम दाद । मार पुपरी मटकी नगी जारं मन को am माग पाग में नारद या साल गुण पाग: as site irr k hatiant