उठौवा - वि० जिसका कोई स्थान नियत न हो । उहुंकू - वि० उड़नेवाला । उड़न-संज्ञा स्त्री० उड़ने की क्रिया । उड़ान | उड़नखटोला - संज्ञा पुं० उड़नेवाला ४. खटाला । विमान । उड़नछू - वि० चंपत । गायब | उड़ना - क्रि० अ० १. श्राकाशमाग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना । २. छितराना । ३. फहराना । भागना । ५. लापता होना । ६. खर्च होना । ७ धीमा पड़ना । ८. चकमा देना । उड़व-संज्ञा पुं० रागों की एक जाति । उड़घाना - क्रि० स० उड़ाने में प्रवृत्त करना । उड़सना- क्रि० प्र० १. बिस्तर या चारपाई उठाना। २. नष्ट होना । उड़ाऊ - वि० १. उड़नेवाला । २. खर्च करनेवाला | उड़ाका, उड़ाकू - वि० उड़नेवाला । जो उड़ सकता हो । उड़ान - संज्ञा स्त्री० १. • उड़ने की क्रिया । २. छलांग | उड़ाना- क्रि० स० १. किसी उड़नेवाली वस्तु को उड़ने में प्रवृत्त करना । २. हवा में फैलाना। ३. चुराना । ४. खर्च करना । ५. मारना । उड़ायक - वि० उड़ानेवाला । उड़ास - संज्ञा स्त्री० वास स्थान । उड़ासना - क्रि० स० १. बिस्तर उठाना। २. उजाड़ना । उड़िया - वि० उड़ीसा देश का रहने- वाला । डडंबर - संज्ञा पुं० गूलर । ऊमर । १०२ उतरना उडु -संज्ञा स्त्री० १. नक्षत्र । तारा । २. पक्षी । चिड़िया । ३. केवट । ४. जल । उडुप - संज्ञा पुं० १. चंद्रमा | २. नाव | ३. बड़ा गरुड़ | उड़ पति - संज्ञा पुं० चंद्रमा । उड़ राज -संज्ञा पुं० चंद्रमा । उडुस -संज्ञा पुं० खटमेल । उड़नी - संज्ञा स्त्री० जगुन । उड्डयन-संज्ञा पुं० उड़ना । उड्डीयमान- वि० [स्त्री० उड्डीयमती ] उड़नेवाला | उड़ता हुआ । उढ़कना - क्रि० प्र० १. अड़ना । २. टेक लगाना । उढ़काना- क्रि० स० १. किसी के सहारे खड़ा करना । उतरना - क्रि० प्र० २. भिड़ाना । विवाहिता स्त्री का पर-पुरुष के साथ निकल जाना । उदरी - संज्ञा स्त्री० रखेली स्त्री । उढ़ाना- क्रि० स० दे० "श्रो दाना" । उदावनी* +-संज्ञा स्त्री० दे० "ओढ़नी" | उतंक -संज्ञा पुं० १. एक ऋषि जो वेद-मुनि के शिष्य थे । २. एक ऋषि जो गौतम के शिष्य थे । वि० ऊँचा । उतंग - वि० १. ऊँचा । २. श्रेष्ठ । उत* +- क्रि० वि० वहीं। उधर। उस श्रोर । उतना - वि० उस मात्रा का । उस क़दर । उतर - संज्ञा पुं० दे० " उत्तर" । उतरन - संज्ञा स्त्री० पहने हुए पुराने कपड़े | उतरना - क्रि० प्र० १. ऊँचे स्थान से सँभलकर नीचे आना । २. अवनति पर होना । ३. शरीर में किसी जोड़
पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/११०
दिखावट