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पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६

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अंतरा अंतरा - संज्ञा पुं० १. अंझा । नागा । २. वह ज्वर जो एक दिन नागा देकर आता है । अंतरा - क्रि० वि० १. मध्य । २. नि. कट | ३. अतिरिक्त । सिवाय । ४. पृथक् । ५. बिना । संज्ञा पुं० किसी गीत में स्थायी या टेक तिरिक्त बाकी और पद या चरण । अंतरात्मा - संज्ञा स्त्री० १. जीवात्मा । २. अंतःकरण । अंतराय - संज्ञा पुं० विघ्न । बाधा । अंतराल - संज्ञा पुं० १. घेरा । मंडल । २. मध्य । बीच अंतरिक्ष-संज्ञा पुं० १. पृथिवी और सूर्यादि लोकों के बीच का स्थान । आकाश । श्रधर । शून्य । २. स्वर्ग- लोक । अंतरित - वि० भीतर किया हुआ । छिपा हुआ । अंतरीप - संज्ञा पुं० १. द्वीप । टापू । २. पृथ्वी का वह नुकीला भाग जो समुद्र में दूर तक चला गया हो । अंतरीय-संज्ञा पुं० कमर में पहनने का व। धोती । अंतरौटा - संज्ञा पुं० साड़ी के नीचे पह- नने का महीन कपड़ा । अंतर्गत वि० १. भीतर छाया हुआ । समाया हुआ । २. भीतरी । छिपा हुआ। गुप्त । अंतर्गति संज्ञा स्त्री० १. मन का भाव । २. हार्दिक इच्छा । कामना । अंतर्गृही- -संज्ञा स्त्री ० तीर्थस्थान के भीतर पड़नेवाले प्रधान स्थले की यात्रा । अंतर्जानु - वि० हाथों को घुटनों के बीच किए हुए । अंतर्वेद अंतर्दशा - संज्ञा स्त्री० फलित ज्येतिष के अनुसार मनुष्य के जीवन में महें। के नियत भोगकाल | अंतर्द्धान-संज्ञा पुं० लेप | छिपाव । वि० छिपा हुआ । लुप्त । अंतर्निविष्ट - वि० - १. भीतर बैठा हुआ । २. मन में जमा हुआ। हृदय बैठा हुआ ! अंतर्बोध-संज्ञा पुं० आत्मज्ञान । श्रात्मा की पहचान । अंतर्भावना -संज्ञा स्त्री० १. ध्यान । सोच-विचार | चिंता । २. गुणनफल के अंतर से संख्याओं को ठीक करना । अंतर्भूत - वि० अंतर्गत । शामिल । संज्ञा पुं० जीवात्मा । प्राण । जीव । अंतर्मुख - वि० जिसका मुँह भीतर की र हो । भीतर मुँहवाला। जिसका for भीतर की ओर हो । जैसे, अंत- मुख फोड़ा अंतर्यामी - वि० १. भीतर जानेवाला । २. अंतःकरण में स्थिर होकर प्रेरणा करनेवाला । ३. भीतर की बात जा- नेत्राला | संज्ञा पुं० ईश्वर | परमात्मा । परमेश्वर । अंतर्लब -संज्ञा पुं० वह त्रिकोण क्षेत्र जिसके भीतर लंब गिरा हो । अंतर्लीन - वि० भीतर छिपा हुआ । डूबा हुआ । गु । विलीन । अंतर्वती - वि० ० स्त्री० १. गर्भवती । हा- •मिला। २. भीतरी अंदर रहनेवाली । अंतर्वाणी - संज्ञा पुं० शास्त्रज्ञ । पंडित । विद्वान् । अंतर्विकार-संज्ञा पुं० शरीर का धर्म । जैसे भूख, प्यास, पीड़ा इत्यादि । अंतर्वेद - संज्ञा पुं० [वि० अंतर्वेदी ] १.