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पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१७४

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किलकिलाना संज्ञा पुं० मछली खानेवाली एक छोटी चिड़िया । किलकिलाना- क्रि० प्र० १. हर्षध्वनि करनेवाला । २. हल्लागुल्ला करना । किलकिलाहट - संज्ञा स्त्री० किलकिलाने का शब्द या भाव । किलनी - संज्ञा स्त्री० पशुओं के शरीर में चिमटनेवाला एक कीड़ा । किलबिलाना - क्रि० प्र० दे० "कुल- बुलाना" । किलघाना - क्रि० स० कील लगवाना या जड़वाना । किला - संज्ञा पुं० दुर्ग | किलाना - क्रि० स० दे० "विलवाना" | किलाबंदी - संज्ञा स्त्री० दुर्ग-निर्माण । किलाचा - संज्ञा पुं० हाथी के गले में पड़ा हुआ रस्सा जिसमें पैर फँसा- कर महावत उसे चलाता है । किलोल + - संज्ञा पुं० दे० " कलाल" । किल्लत - संज्ञा स्त्री० १. कमी । २. तंगी । किल्ला - संज्ञा पुं० बहुत बड़ी कील या किल्ली - संज्ञा स्त्री० १. कील । २. किसी कल या पेंच की मुठिया जिसे घुमाने से वह चले | किल्विष-संज्ञा पुं० पाप । किवाड़-संज्ञा पुं० [ स्त्री० किवाड़ी ] कपाट । किशमिश-संज्ञा स्त्री० [ वि० किशमिशी ] सुखाया हुआ छोटा बेदाना अंगूर । किशमिशी - वि० १. जिसमें किशमिश हो । २. किशमिश के रंग का । संज्ञा पुं० एक प्रकार का अमा रंग । १६६ किस्सा किशोर-संज्ञा पुं० [स्त्री० किशोरी] १. ग्यारह से १५ वर्ष तक की अवस्था का बालक । २. पुत्र । किश्त - संज्ञा स्त्री० शतरंज के खेल में बादशाह का किसी मोहरे की घात में पड़ना । शह । किश्ती - संज्ञा स्त्री० १. नाव । २. शत- रंज का एक मोहरा । हाँथी । किष्किंधा - संज्ञा स्त्री० किष्किंध पर्वत- श्रेणी । किस - सर्व ० 'कौन' और 'क्या' का वह रूप जो उन्हें विभक्ति लगने के पहले प्राप्त होता है 1 किसब - संज्ञा पुं० दे० " कसब " । किसबत - संज्ञा स्त्री० वह थैली जिसमें नाई अपने उस्तरे कुँधी आदि रखते हैं। किसमत - संज्ञा श्री० दे० "किस्मत" । किसलय - संज्ञा पुं० दे० "किशलय" । किसान - संज्ञा पुं० खेतिहर | किसानी - संज्ञा स्त्री० खेती । किसी सर्व० वि० "कोई " का वह रूप जो उसे विभक्ति लगने से पहले प्राप्त होता है; जैसे- किसी ने । किसून - सर्व० दे० " वि.सी" । किस्त - संज्ञा स्त्री० कई बार करके ऋण या देना चुकाने का ढंग । किस्तबंदी - संज्ञा स्त्री० थोड़ा थोड़ा करके रुपया अदा करने का ढंग । किस्तवार - क्रि० वि० किस्त करके । किस्म -संज्ञा स्त्री० १. भेद | तरह । २. ढंग । किस्मत - संज्ञा स्त्री० प्रारब्ध । किशलय-संज्ञा पुं० नया निकला हुआ किस्मतघर - वि० भाग्यवान् । पत्ता | कोमल पत्ता । किस्सा - संज्ञा पुं० कहानी ।