करंगिन वि० बदरंग | कुरंगिन संज्ञा स्त्री० हिरनी । कुरंड -संज्ञा पुं० एक खनिज पदार्थ, जिसके चूर्ण को लाख आदि में मिलाकर हथियार तेज़ करने की सान बनाते हैं । कुर की संज्ञा स्त्री० दे० "कुर्की”। वस्तु के दब- कुरकुर - संज्ञा पुं० खरी कर टूटने का शब्द | कुरकुरा - वि० घोर करारा जिसे तोड़ने पर कुरकुर शब्द हो । [स्त्री० कुरकुरी ] खरा करकरी - संज्ञा स्त्री० पतली मुलायम हड्डी । कुरता - संज्ञा पुं० [स्त्री० कुरती ] एक पहनावा जो सिर डालकर पहना जाता है। करना-क्रि० अ० दे० "कुरलना" । . कुरबान - वि० जो विछावर या बलि- दान किया गया हो । . करबानी - संज्ञा स्त्री० बलिदान । कुरैर-संज्ञा पुं० गिद्ध की जाति का एक पक्षी । कुररा-संज्ञा पुं० [स्त्री० कुररी ] करीं- कुल । क्रौंच । कुररी - संज्ञा स्त्री० १. भार्या छंद का एक भेद । २. 'कुररा' का स्त्रीलिंग । कुरव - वि० बुरी बोली बोलनेवाला । कुरसी -संज्ञा स्त्री० १. एक प्रकार की ऊँची चौकी जिसमें पीछे की ओर सहारे के लिये पटरी लगी रहती है । २. पुश्त । कुरसीनामा - संज्ञा पुं० व ंशवृष । करान-संज्ञा पुं० अरबी भाषा की एक पुस्तक जो मुसलमानों का धर्मग्रंथ है। १७४ कराह -संज्ञा स्त्री० [वि० कुराही ] 1. बुरी राह । २. बुरी चाल । कुराही - वि० कुमार्गीीं । संज्ञा स्त्री० दुराचार | करिया + - संज्ञा स्त्री० बहुत छोटा गाँव । १. कुटी । २. कुरियाल -संज्ञा स्त्री० चिड़ियों का मैौज में बैठकर पंख खुजलाना । करी -संज्ञा स्त्री ० वंश । संज्ञा स्त्री० टुकड़ा | करीति -संज्ञा स्त्री० बुरी रीति । कॅरु - संज्ञा पुं० एक सेामवंशी राजा जिसके वंश में पांडु और धृतराष्ट्र हुए थे । करुई - संज्ञा स्त्री० मानी । करुक्षेत्र - संज्ञा पुं० एक बहुत प्राचीन तीर्थ जो वाले और दिल्ली के बीच में है। महाभारत का युद्ध यहीं हुआ था । कुरुखेत । -संज्ञा पुं० दे० "कुरुक्षेत्र" । कुरुख - वि० नाराज़ | कुरूप - वि० [स्त्री० कुरूपा ] बदसूरत । कुरूपता -संज्ञा स्त्री० बदसूरती । कुरेदना - क्रि० स० खोदना । कुरैया - संज्ञा स्रो० सुंदर फूलोंवाला एक जंगली पेड़ जिसके बीज "इंद्र- ज" कहलाते हैं । कुरौना-क्रि० स० ढेर लगाना । कु - वि० [ संज्ञा कुर्की ] ज़ब्त । कर्क - श्रमीन -संज्ञा पुं० वह सरकारी कर्मचारी जो अदालत के भाशा- नुसार जायदाद की कर्को करता है । . कुर्की - संज्ञा स्त्री० कुज़ दार या अपराधी की जायदाद का ऋण या जुरमाने Q
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