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अपूर्व पूर्व - वि० १. जो पहले न रहा हो । २ श्रद्भुत । ३. उत्तम । श्रेष्ठ । अपेक्षा-संज्ञा स्त्री० [वि० अपेक्षित ] १. आकांक्षा | इच्छा | २. श्रावश्यकता । ३. श्राश्रय । ४. तुलना । मुकाबिला । अपेक्षाकृत - अव्य० मुकाबले में । तुलना में । अपेक्षित - वि० जिसकी अपेक्षा हो । जिसकी श्रावश्यकता हो । अपेय-वि० न पीने योग्य | अपेल:- वि० जो हटे या उसे नहीं । अटल । अप्रकृत - वि०.१ अस्वाभाविक । २. बनावटी । अप्रतिम - वि० १. प्रतिभाशून्य । २. स्फूर्तिशून्य । ३. मतिहीन । निर्बुद्धि । ४. लजीला । अप्रतिम - वि० श्रद्वितीय। अनुपम । श्रप्रमेय - वि० १. जो नापा न जा सके । २. जो प्रमाण से न सिद्ध हो ab | प्रयुक्त - वि० जो काम में न लाया गया हो । अप्रसन्न - वि० १. असंतुष्ट । नाराज़ | २. खिन । दुग्बी । उदास । अप्रसिद्ध - वि० जो प्रसिद्ध न हो । श्रविख्यात । अप्रस्तुत - वि० मौजूद न हो । संज्ञा पुं० उपमान । जो प्रस्तुत या अप्राकृत - वि० अस्वाभाविक । असा- धारण । श्रप्राप्तव्यवहार - वि० [सं०] सोलह वर्ष से कम का ( बालक ) । नाबा- लिग़ । अप्राप्य - वि० जो प्राप्त न हो सके । ४७ श्रबध्य प्रामाणिक - वि० [स्त्री० अप्रामाणिकी] १. जो प्रमाण से सिद्ध न हो । २. ऊटपटाँग । अप्रासंगिक - वि० प्रसंग - विरुद्ध । अप्रिय - वि० पुं० श्ररुचिकर | अप्सरा - संज्ञा स्त्री ० १. वेश्याओं की एक जाति । २ स्वर्ग की वेश्या । इंद्र की सभा में नाचनेवाली देवां- गना । ३. परी । अफ़गान - संज्ञा पुं० [अफ़ग़ानिस्तान का रहनेवाला । काबुली । अफ़्यून - संज्ञा स्त्री० दे० "अफीम” । अफरा- संज्ञा पुं० श्रजीर्ण या वायु से पेट फूलना । अफराना- क्रि० प्र० भोजन से तृप्त करना । अफ़वाह - संज्ञा स्त्री० उड़ती ख़बर | किंवदंती । गप्प | अफसर - संज्ञा हाकिम | पुं० श्रधिकारी | अफसाना-संज्ञा पुं० किस्सा | कहानी । कथा । 1 अफसोस - संज्ञा स्त्री० शेक | रंज । पछतावा । अफ़ीम - संज्ञा स्त्री० पोस्त के ढेढ़ का गोंद जो कडुआ, मादक और विष होता है। अफीमची - संज्ञा पुं० वह पुरुष जिसे अफीम खाने की लत हो । अब क्रि० वि० इस समय । इस क्षण । इस घड़ी । श्रबधू - वि० अज्ञानी । प्रबोध । संज्ञा पुं० त्यागी । विरागी । श्रबध्य - वि० [स्त्री० भवध्या] १. जिसे