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बाल-शब्दसागर

अँकाना
 
—संस्कृत और हिंदी वर्णमाला का पहला अक्षर। इसका उच्चारण कंठ से होता है, व्यंजनों का उच्चारण इस अक्षर की सहायता के बिना अलग नहीं हो सकता।
अंक—संज्ञा पुं॰ [वि॰ अंक्य] १. चिह्न। निशान। २. लेख। अक्षर। लिखावट। ३. संख्या का चिह्न; जैसे—१, २, ३। ४. भाग्य। ५. डिठौना। दाग़। धब्बा। ६. नौ की संख्या। ७. नाटक का एक अंश जिसके अंत में जवनिका गिरा दी जाती है। ८. गोद। ९. अंग। देह। १०. पाप। दुःख। ११. बार। दफ़ा। मर्तबा।
अंकगणित—संज्ञा पुं॰ १, २, ३ आदि संख्याओं का हिसाब। संख्या की मीमांसा।
अँकटा—संज्ञा स्त्री॰ १. कँटिया। हुक। २. तीर का मुड़ा हुआ फल। ३. बेल। लता। ४. लग्गी।
अंकन—संज्ञा पुं॰ [वि॰ अंकनीय, अंकित, अंक्य] १. चिह्न करना। निशान करना। लिखना। २. शंख, चक्र या त्रिशूल के चिह्न गरम धातु से बाहु पर छपवाना। ३. गिनती करना।
अंकपाली—संज्ञा स्त्री॰ धाय। दाई।
अंकमाल—संज्ञा पुं॰ गले लगना। भेंट।
अंकमालिका—संज्ञा स्त्री॰ १. छोटी माला। २. आलिंगन। भेंट।
अँकरा—संज्ञा पुं॰ एक खर जो गेहूँ के पौधों के बीच जमता है। संज्ञा स्त्री॰ अँकरी।
अँकरोरी, अँकरौरी—संज्ञा स्त्री॰ कंकड़ या खपड़े का बहुत छोटा टुकड़ा।
अँकवार—संज्ञा स्त्री॰ गोद। छाती। यौ॰—भेंट अँकवार = आलिंगन। मिलना।
अंकविद्या—संज्ञा स्त्री॰ दे॰ "अंकगणित"।
अँकाई—संज्ञा स्त्री १. अंदाज़ा। अटकल। तख़मीना। २. फ़सल में से ज़मींदार और काश्तकार के हिस्सों का ठहराव।
अँकाना—क्रि॰ स॰ मूल्य निर्धारित