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पृष्ठ:बिरहवारीश माधवानलकामकंदला.djvu/१८४

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१५६ विरहवारीशमाधवानलकामदलाचरित्रभाषा । लीलावती कंदला सोऊ । रहनलगींअति सुखसेदोऊ ॥ दो० माथो से लेकर विदा कामावति उज्जैननरेश । सकलसैन्य तय्यारकर गये आपनेदेश। इनित्रीमावधानलकामकंदलाचरित्रभाषाविरहीसुभानसम्बादे श्रृंगारखंडेइकनीसवांतरइसमासः ३३ ॥ शुभम् ॥