पृष्ठ:बिरहवारीश माधवानलकामकंदला.djvu/२१

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ग्रंथ के अवलोकन करने से प्रगट होगा माधवानल जबलीला- वती को ब्याह अपने द्वारपर पहुंचा तो मातायुत सब नारियोंने दूल्हा वा दुलहिनि को ले गृहप्रवेश कराती भई और राजा बि- क्रमादित्य वा कामसेन राजा गोविंदचंद वा विद्यापति वा रघुदत्त और माधवानल से मिलभेट और विदाले अपने २ देशको सि- धारे और माधवानल कामकंदला वा लीलावती सहित बिहार करनेलगे अब आप लोगोंको जानना चाहिये किइस भूमिकाके लिखनेका यह प्रयोजनहै कि एकबारइसको अवलोकन करनेसे आप लोगों को इस ग्रंथ का आशय विदित होजायगा इसके वृत्तान्त की श्रेणी आपलोगों के ध्यान में आजायगी इसभू. मिका को विस्तार पूर्वक वर्णन करने का यहीप्रयोजन है कि जब आपलोग इसग्रंथ के आशय को प्रायोपान्त समझेंगे तब निस्संदेह इसके ग्राहक होंगे। अब आपलोगों से मेरी यही प्रार्थनाहै कि यदि मुझ अल्प- बुद्धि से कोई चूक किसीप्रकारकी बनपड़ी हो तो उसे क्षमाकर- ना सर्वथा उचितहै और मुझे जान पड़नेपर मैं उसे शुद्ध करास- कुंगा इसग्रंथ की पूर्ती करने में मुझे बाबू बारुणी प्रसाद सेठ काशी निवासी और पंडित नाथूरामपाठक जबलपुर वासी से बहुत कुछ सहायता मिली। आपका कृपाकांक्षी गणेश प्रसाद वल्द कन्हैयालाल कुरेले जिला जबलपुर मध्य प्रदेश मिती बैशाखबदीर संवत् १९५१ ता० ०२२-४-१४॥