पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/३०६

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सतसई के कठिन शब्दों की विठति । शब्द। ! दोहाट्स; अर्थ । । शब्द। । दोह। अर्ध । ईर्ष्या किरिया । ६०३ । कर्णधार, मांझी । प्रनली | १६९ | कोपना, कुडगति डगमगाती क्रोध के स्वभाव वाली ।। कुवत ! ६८३ । निन्दा वासित बात } अनाकनी अनाकर्थन प्रानाकानी । | कुही ४६ ५ | एक छोटी चिड़िया । न सुनना, टालना है। कही | सारो । अहेरी शिकारी = व्याध ।। कॅम कदछ । प्रेगोटि छिपा के अङ्गीकार करके, कोहर एन्ट्रयन या फल वा टीका ( डा टीका ) विलायती भगटा। विदुलो, टिकनी, ग्छुए के । माधु प्रतिष्ठा. अादर । स्व भी नाक की सीक । पालवाल चावला, गमता । गर्दै गढ़ में खित, गादा, पद मद चौथो घोड़े जल का गदकारो गदली इठलाहट इठी गन्तत জমিন गहली पगली छ इतरै गाड़ गड़ा ( गान या दाढ़ी य पर का ) गी इरदात भरा होता है । अभिमान से फूले, हरदम भुकधुकी गुड़हर एक प्रकार का भूप जो गुटो प्राशय गले में पक्षिरा जाता है । | गुरारी । गुड़ की इन । कृरता इत्यापिन् । गोर | गेंद वा छिपा के कनक १६८ धारा ६ौर मीना गोरटी गोरी । तिरही अरों से ( कान | चकदि चारी र । अभियन ) ४८४ चाह, चारुन । कान । भोर मुटु, झिी | चारी ८: कपट ३ यात चाले ने । ३११ की क भ क का } चिरमि। १४४ सुंधर्ची, गुना । * पतन नार)| इचायने टपकने, ने। । ३२

  • मराय की भराई । वीरसियन ९११ । प्रांग्मुदीन । * ; १५ आई की और नेशी

नान् | चोरटी | दोरटी । ६ १६ ६१६ पुराने वाली, घोटी हुई इदा 5त्तर | बोल | ५८। । । संजेठ ।। । स शिम्दाम फY? | चौका ८.३१४८६ दांत ४ उपाय ६ २२ ८५.