पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/३८६

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२३ उपदेशलता-दास । इमका आनन्द इमुकें पढ़नेही से ज्ञात होगा। यह ग्रन्थ नागरी में छपा है मैं कैथी में भी छपा है ।। ॐ दयानन्दमतमू सोच्छेद–दाम ) दयानन्द के मत खुराइन पर पण्डित अस्विकादत्तव्यास की वक्तृता अंगरेजी औ उर्दू तर्जुमा सहित । अवोधनिवारी-दाम ८). दयानन्द की भूनों का संग्रह । जो दयानन्ही हैं और जो सनातन धर्मावलम्बी है दोनों के अवश्य देखने योग्य । हो हो होरी--दाम On : | नाम ही से समझ जाइये ।। फूलन झमङ्ग-दाम) पढ़ने से ऐसा मानुस होगा कि मानो अयोध्या या वृन्दावन में खड़े हैं । और झूलन की सैर कर रहे हैं। | पातञ्जलप्रतिविम्व---दाम ) संस्कृत में योगसूत्रों पर कारिका, सभी तारीफ करते हैं तो हम क्या कहैं ! साङ्ख्यतरङ्गिणी-दाम ॥ साक्ष्यतत्वकौमुदी कारिका, भापा टौका औ अपूर्व भूमिका सहित । वर्गसभा–दाम 2) हिन्दी भाषा में अपने दृङ्ग का फरद, छोटा उपदेशक उपन्यास ॥ पुष्पोपहार---दाम ) गाने लायक छन्दों में, संस्कृत में शिव सरस्वती लक्ष्मी विष्णु आदिकै अनेक स्तोऔ भजन ।। | रेखागणित-दाम।) . पहला अध्याय । उत्तम उत्तम प्रग्नी सहित ४ भागों में विभक्त और जिसकी सं दोहे और चौ

  • पाइयों में भी टिप्पणी में लिखी हैं नागरी ओ कैथो दोनों में अलरी मलग छपा है। .. . ,

रसीली कजरी–दा म/ तरह तरह की कजलियों की किताब, इसका आनन्द पढ़ने आनेहो से मिलेगा। विहारौविहार-दाम २t)

विहारी जी के दोहों पर कुण्डलिया का ग्रन्थ ॥ । सांख्यसागरसधा---दाम ४) । यदि कुछ भी सांख्य में प्रेम रखते हो तो अवश्य देखिये । यह ग्रन्थ सांख्य शास्त्र के समुद्र का जहाज + है। मूल संस्कृत । टोका भाषा।