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पृष्ठ:बुद्ध और बौद्ध धर्म.djvu/१०८

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१०५ बौद्धों के धर्म-साम्राज्य का विस्तार चीन, जापान, कोरिया, लक्का, श्याम, सीलोन, तिब्बत इत्यादि देशों में ही बौद्ध-धर्म का प्रचार खतम नहीं होगया ; परन्तु भारत- वर्ष के बाहर दूर देशों में हजारों कोस दूर-जावा, अमेरिका- इत्यादि देशों में भी अपने धर्म का प्रचार किया। जावा में बौद्ध-धर्म का प्रचार कब और कैसे हुआ! इसका कोई पूरा-पूरा वृत्तान्त नहीं मिलता । परन्तु वहाँ पर बौद्ध-मूर्तियों से मिलती-जुलती मूर्तियाँ मिली हैं, इससे निश्चिय होता है कि वहाँ बौद्ध-उपदेशक अवश्य पहुंचे हैं। इसी प्रकार बाली के अन्दर भी बौद्ध संस्कृति के अनेकों चिन्ह मिले हैं। अमेरिका में भी बौद्ध-धर्म का प्रवेश हुआ था। प्राचीन इति- हास को देखन से मालूम होता है कि पाँच बौद्ध भिक्षु रूस की उत्तरी सीमा पर कामश्चारका प्रायद्वीप से पैसिफिक महासागर को पार करके एलास्का की ओर से अमेरिका पहुँचे थे, और दक्षिण की ओर से मेक्सिको गये थे। मेक्सिको के मूल निवा- सियों का प्राचीन इतिहास, आचार-विचार, धर्म आदि बौद्ध-धर्म से सम्बन्ध रखते हैं। चीन का प्राचीन ग्रन्थों में 'फुसम' नामक एक प्राच्य देश का उल्लेख है। कहते हैं-यह नाम उस देश के एक वृक्ष पर पड़ा है। मेक्सिको में 'आगुये' अथवा 'माँगुये' नामक जो वृक्ष हैं, उसमें और फुसम के वृक्ष में समानता दिखाई देती है। चीनी भापा में हुएनसाँग ने जो यात्रा-वर्णन लिखा है, उसमें अपनी आँखों देखा वर्णन लिखा है- वीं शताब्दि के अन्दर के नाम