बुद्ध और बौद्ध-धर्म १२ बुद्ध ने कहा-आपकी उत्पत्ति अवश्य ही राजवंश में हुई है, लेकिन मेरी उत्पत्ति प्राचीन बुद्धों के वंश में है और यह मेरी वंश परम्परा है। जब गौतम राजभवन में आए, तो उनके कुटुम्बी स्त्री और पुरुष उनको देखने वहाँ पहुँचे । बुद्ध ने देखा कि उनकी परित्यक्ता पत्नी यशोधरा उनको देखने नहीं आई। बुद्ध ने जब पूछा कि यशोधरा क्यों नहीं आई, तो उसने दुःख-पूर्ण गर्व से कहला भेना कि यदि सनकी दृष्टि में मैं कुछ हूँ तो उन्हें स्वयं मेरे पास आना चाहिए । गौतम अपने दो प्रधान शिष्यों को साथ लेकर उसके महल में गये । जब यशोधरा ने अपने उस सुन्दर राजकुमार स्वामी को, सिर मुंडाये और पीत-वस्त्र धारण किये हुए संन्यासी के वेश में अपने महल में आते देखा तो वह अपने आपको न सम्भाल सकी और पछाड़ खाकर पृथ्वी पर गिर पड़ी। फिर उसने होश में आकर तुरन्त समझ लिया कि वह उसके वे पति और राजकुमार नहीं हैं, और अब उन दोनों के बीच में बड़ा अन्तर हो गया है। वह धैर्यपूर्वक उठ खड़ी हुई और उसने बुद्ध के नये सिद्धान्तों को सुना। यशोधरा ने बुद्ध से अनुरोध किया कि वह भिक्षुणियों का भी एक सम्प्रदाय कायम करें। बुद्ध ने वैसा ही किया और यशोधरा सबसे पहिली भिक्षुणी हुई । इसके बाद गौतम का पुत्र राहुल भी बौद्ध-धर्म का अनुयायी हो गया। इससे गौतम के वृद्ध पिता को बड़ा भारी दुःख हुआ और उसने गौतम से शिकायत की। सबसे
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