पृष्ठ:भट्ट-निबन्धावली.djvu/४

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प्रकाशकीय स्वर्गीय पंडित बालकृष्ण भट्ट का हिन्दी के निर्माताओं में विशिष्ट स्थान है। आपने तन, मन और धन से हिन्दी की जो सेवा की है, ऐतिहासिक दृष्टि से उसका बड़ा महत्व है। मट्ट जी ने साहित्य के विभिन्न अंगों पर अपूर्व रचनायें की है। उनके निबंधों की मौलिकता, मरसता और गम्भीरता साहित्यिक दृष्टि से हिन्दी की अमूल्य निधि 1- इस पुस्तक में श्रापके बत्तोस उच्च कोटि के निबंध संग्रहीत हैं। स्वर्गीय भट्ट जी हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति भी हो चुके हैं। ऐसी दशा में सम्मेलन का यह कर्तव्य भी था कि वह भट्ट जी की कृतियों का , प्रकाशन करे। हमें पूर्ण श्राशा है कि इस 'भट-निबंधावली' के द्वारा हिन्दी मे निबंध-साहित्य की एक विशेष कमी की पूर्ति होगी । विद्वानों . और हिन्दी साहित्य के विद्यार्थियों का इससे विशेष उपकार होगा, इसमें तनिक भी संदेह नहीं। विनीत, प्रयाग ज्योतिप्रसाद मिश्र निर्मल . १ जनवरी १९४२ साहित्य-मंत्री