पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/१२९

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इसकी नीव पड़ी थी और २३० बरस के लगभग अर्थात् १५९५ ई॰ तक यह राज्य बना रहा। कृष्णा नदी से लेकर रासकुमारी तक सारा देश इसके आधीन था। बहुत से छोटे छोटे रईस और हाकिम इसके आधीन थे जो नायक कहलाते थे और विजयनगर को कर देते थे। इनमें से मैसूर का नायक सब से बड़ा था।

विजयनगर के राजा का हथसार।

गढ़ों और राजमन्दिरों में के टूटे फूटे खंडहर जो अब तक वर्तमान हैं इस राज्य की पूर्व अवस्था को भली भांति प्रगट करते हैं। इस अन्तिम समय में हिन्दुओं को विद्या और कला की जो कुछ बढ़ती हुई विजयनगर ही में हुई। विजयनगर के राजा वैष्णव थे। इनके राज में दखिन में प्रत्येक स्थान पर बुद्ध और जैन मत को जगह हिन्दू धर्म का प्रचार हुआ। विजयनगर के