मुसलमानों को नियुक्त किया। अकबर ने बहुत से हिन्दुओं को नौकर रक्खा था और उनपर बहुत दयालु था। राजपूत अकबर पर प्राण देते थे और उन्हों ने उसके राज्य को बड़ा शक्तिमान बना दिया था। अब वही राजपूत औरङ्गजेब से घृणा करने लगे। राजपूत और और हिन्दू उससे लड़े और मुग़ल राज्य को जिसकी नेव अकबर ने डाली थी तहस नहस कर दिया। औरङ्गजेब ने शिया मुसलमानों का भी नाक में दम कर दिया था; बहुत से शियों की जागीरें छीन लीं जो उनको अकबर ने दी थीं।
३—औरङ्गजेब स्वच्छप्रकृति और अपने धर्म का पक्का था; मद्यपान और भोगविलास से चिढ़ता था, अपने सुख के निमित्त रुपया नहीं फेंकता था बरन अपने हाथों टोपियां सीकर पैसा कमाता था। बहुत सादे कपड़े पहिनता था। उस समय को छोड़ कर जब वह सिंहासन पर बैठता था और कभी वह चांदी सोने या जड़ाऊ चीज़ नहीं पहिनता था। अकबर की भांति वह भी बड़ा बीर था और सेनापति ऐसा था कि कैसी ही बिकट मुहिम हो न डरता था न झिझकता था।
४—औरङ्गजेब बड़ा कठोर और क्रूर था। यह अपने दबदबे से काम लेता था। राज काज में छोह को अपने पास न फटकने देता था। उसके भय से उसके बेटों के ही प्राण सूखा करते थे। उनमें से एक की तो यह दशा थी कि जब कभी पिता का पत्र