पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/५९

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अर्थात सिद्ध कहलाते थे। इनके मत को जिनमत या जैनमत कहते हैं। इसके माननेवाले जैनी कहलाते हैं। यह भी उत्तरीय भारत में रह कर उपदेश करते थे। जैनी लोग कहते हैं कि हमारा मत बुद्धमत से पुराना है और कुछ विद्वानों का बिचार

कार्कुल में जैनियों की मूर्त्ति।


है कि उनका कहना ठीक भी है। गुजरात देश के नगर पालिताना में जैनियों के बड़े बड़े सुन्दर मन्दिर बने हुए हैं। यहां तक कि वह मन्दिरों का नगर कहलाता है। इन मन्दिरों में कुछ ऐसे हैं जो हज़ार बरस पहिले के बने हैं। आबू पहाड़ पर जैनियों के